Tuesday, September 25, 2012

तुम कहते हो !

याद उसे करते हैं
जिसे भूल जाते हैं
मिलना उससे पड़ता है
जिससे दूर होते हैं
तुम तो मेरे दिल की
धड़कन में रहते हो ........
भूल गई मै तुमको
ये तुम कहते हो ????

Sunday, September 23, 2012

तेरी परछाईं भी

ऐ मन !
गम नहीं करना
न हीं ठंडी आहें भरना
भ्रम को सत्य समझने की कभी
कोशिश भी न करना
गम उसके लिए करना
जो गम हरना जानता हो
क़द्र उसकी करना
जो क़द्र करना जानता हो
साथी तो सभी चाहते हैं पर ....
संग उसी के चलना जो
सच और झूठ में
सही और गलत में
छल और विश्वास में
अंतर करना जानता हो...
पल-पल में विचार बदलनेवाले
दूसरों के इशारों पर नाचनेवाले  
कभी भी धोखा दे जायेंगे
बिना किसी अपराधबोध के जी सको
बना लो ऐसा दिल का हरेक कोना
किसी संगदिल इंसान के आगे कभी
मायूस नहीं होना ....
क्या पता कब ? कहाँ ? कैसे ?
अपने  फायदे के लिए
वो कर ले तुझको अपने आगे
खुद को इतना मजबूत बना कि
तेरी परछाईं भी तुझसे भागे .....

Monday, September 17, 2012

क्षणिकाएं

स्वार्थ भरे रिश्ते
यूँ ही टूटते
मन अधीर न हो ....


अंतरात्मा की आवाज
मन का विस्तार
है सृजन का संसार ....


बेचैन मन
स्वप्निल संसार
ऊर्जा का भंडार ..

अदृश्य ताकत
समय की पुकार
सृजन -संसार ...

जब हद पार हो जाए तो ?
दर्द दवा बन जाती है
इन्हीं दवाओं के सहारे
जिन्दगी कट जाती है ...

वक्त ने ली अंगराई
बचपन के दिन याद आये
फलक पे जब भी सितारे नज़र आये .....

छीना है वक्त ने
मेरी माँ को मुझसे
वक्त ने ही माँ भी बनाया है मुझको ...

Wednesday, September 12, 2012

प्रेम

प्रेम लेने नहीं
देने का नाम है
एक कोमल मृदु
एहसास  और जज्बात है
प्रेमी मित्र बन जाता है जब
प्रेम आत्मिक हो जाता है तब
ऐसे प्रेम के लिए कोई रो नहीं सकता
लाख कोशिश करे जमाना
ये खो नहीं सकता ........