Friday, August 31, 2012

दिल के रिश्ते

दिल के रिश्ते ........
अनजाने ही जुड़ जाते हैं
खिलना हो फूलों को तो ?????
वो वीरानों में भी खिल जातें हैं
फूल बनना है तो बनो कमल का
जलकुम्भी का नहीं .....
कमल के फूलों से
जल और तालाब की
शोभा बढ़ जाती है
जलकुम्भी के फूलों से
जल और तालाब की
पहचान ही मिट जाती है ....

Saturday, August 11, 2012

वक्त

वक्त के साथ बदलना मैंने सीखा  नहीं
ऐसा नादाँ इन्सान मैंने देखा नहीं .....

वक्त मुझे तुम सताओगे क्या ???????
सजा खुद को दिया मैंने तुम कर  पाओगे क्या??????


 वक्त से सीखा भूलना मुश्किल भरे दिन ....
जीना मैंने सीख लिया  साथी तेरे बिन

वक्त से दोस्ती बालू की भीत
अनजानी  सी राहें पगली सी प्रीत

वक्त के साथ मजबूत होती रही.....
निशा ढलती रही  शमा जलती रही .....