Monday, October 29, 2012

ओ शरद के चाँद

 
ओ शरद के चाँद
तुझ में खोकर
आज तन्हाई भी मौन है
बता दे मुझको ......
हंसती हुई चांदनी की ...
उदासी का सबब कौन है ?
 

Tuesday, October 23, 2012

ऐ दिल गुनगुनाता चल ..

 
ऐ दिल गुनगुनाता चल
गीत ख़ुशी के गाता चल

कल क्या होगा ?
कभी न सोचो
अभी का साथ निभाता चल ....

ऐ दिल गुनगुनाता चल ...
गीत ख़ुशी के गाता चल

आनेवाले आयेंगे
जानेवाले जायेंगे
जिसको इन्तजार है तेरा
उसको तू अपनाता चल

ऐ दिल गुनगुनाता चल
गीत ख़ुशी के गाता चल ....


जहां बिछी हों
कनक-रश्मियाँ
जहां खिली हों
कागज की कलियाँ
गुंजन करते हों
जहाँ पर ...
भमरें संग
बहुरंगी तितलियाँ
उनसे नज़र बचाता चल

ऐ दिल गुनगुनाता चल
गीत ख़ुशी के गाता चल ...

मोती पाना है गर तो ?
साहिल को ठुकराता चल
गम ना कर तूं
गहराई से ....
सागर में उतराता चल

ऐ दिल गुनगुनाता चल
गीत ख़ुशी के गाता चल ...

जिसने जख्म दिए हैं तुमको
उनको भी सहलाता चल ..
धीरे-धीरे दुखी ह्रदय को
खुद से ही बहलाता चल
चलना अकेली है
नियति निशा की
उसको भी समझाता चल ....

ऐ दिल गुनगुनाता चल
गीत ख़ुशी के गाता चल ...

Friday, October 12, 2012

माँ !मुझको नहीं मारो

   
साजिश सुन घरवालों की
अजन्मी बिटिया करे गुहार
मत मारो मुझे वक्त से पहले 
सुन लो मेरी पुकार ......
 
 
ताना सुनकर भी माँ मुझको
खुद से जुदा न करना
जमीं तुम मेरी बनना  मैं ...
आसमान बन जाउंगी
लू के थपेड़ों में मैं ....
बदली बन छा जाउंगी ...
बेदर्द इंसानों की बातों पर
मत देना तुम ध्यान
वादा करती हूँ ..
बनूँगी तेरी ही पहचान .....
 
जिस बेटे की आस में
करोगी ऐसे निर्मम कर्म
वही बेटे  अपनी ख़ुशी के  खातिर
भेजेंगे तुम्हें वृद्धाश्रम ....
 
माँ काली ,माँ दुर्गा है
माँ शक्ति की शक्ति
आंच आये बिटिया पर तो ......
माँ कुछ भी कर सकती है .....
 
किसी की बातों से
तुम मत होना लाचार
तेरे सारे  सपनों को माँ ..
करुँगी मैं साकार ....
 
मत भूलो मैं भी हूँ
तेरे शरीर का ही अंश
मुझसे भी आगे बढेगा ..
प्यारा तेरा वंश ....
 
जो भी करना हो माँ कर लो ...
हिम्मत नहीं हारो
चहकने दो अपनी गोद में
माँ ....मुझको नहीं मारो ......
माँ ....मुझको नहीं मारो ...
 

Friday, October 5, 2012

वक्त -वक्त की बात

वक्त -वक्त की बात है
कोई मुस्कुराता है
आसमां  पे जब भी
चाँद नज़र आता है .......