Wednesday, June 19, 2013

बन जाते हैं वही मन -मीत ...

खुशियाँ तुम को मिले हमेशा 
मेरी हार हो तेरी जीत 
पल-पल तुम्हें   दुआएँ देता 
ऐसे हैं अलबेले गीत .....

मन हँसता पर दिल रोता है 
पीर बन जाती है गीत 
जिसे परख नहीं हमारी 
बन गए वही हमारे मीत .....

जीवन की ये रीत पुरानी 
कुहूके कोयल ...  नाचे मोर 
मीत बिना सब सूना होता 
चाँद को ढूंढे व्याकुल चकोर ....

विरह-व्यथा शब्दों में ढलकर ..
बन जाते है विरही गीत
 जिसे खबर नहीं हो पाती 
बन जाते हैं वही मन -मीत ...

Tuesday, June 4, 2013

.लम्हा-लम्हा जिन्दगी का

बिखरे सपने
बिछुड़े  अपने
दिल दर्द में 
डूबता है .....
.लम्हा-लम्हा जिन्दगी का 
आगे बढ़ता है .....


चले गए जो ..
नहीं ...मिलेंगे 
दिल रह-रह कहता है ...
यादों में उनके 
व्याकुल होकर 
मन मचलता है .....

सतरंगी सपनों को राही 
फिर भी  गढ़ता है ...

अपने हैं तो सपने हैं 
सपने हैं तो जीवन 
आना -जाना 
लगा रहेगा ....समझो ..मेरे मन .......


Saturday, June 1, 2013

दीदारे-यार

दिल से दिल मिले तो ....
प्यार होता है 
दिलो - दिमाग मिले तो .....
दीदारे-यार होता है